इकॉनमी एंड फाइनेंस

बिजनेस में नेटवर्क इफेक्ट्स का इस्तेमाल क्यों है जरूरी? 

बिजनेस की दुनिया में ऐसे बहुत से बिजनेस हैं जो नेटवर्क इफेक्ट का इस्तेमाल करके अपना बिजनेस सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन ये नेटवर्क इफेक्ट है क्या और किस तरह से काम करता है चलिए जानते हैं।

नेटवर्क इफेक्ट किस तरह से काम करता है इसे एक उदहारण से समझते हैं। इंडियामार्ट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां पर आप अपने बिजनेस की लिस्टिंग कर सकते हैं। यहां पर बहुत से लोगों ने अपने बिजनेस को लिस्ट किया है लेकिन अगर यहां पर उस प्रोडक्ट की डिमांड ही नहीं आएगी तो ये प्लेटफॉर्म किसी का काम का नहीं है। तो मतलब प्रोडक्ट सप्लायर और कस्टमर दोनों मिलकर यहां जब काम करेंगे तो इस नेटवर्क इफेक्ट से बहुत सारे लोगों को फायदा होगा। यही होता है एक बिजनेस में नेटवर्क इफेक्ट का असर। नेटवर्क इफेक्ट के पांच प्रकार होते हैं।

1. मार्केट प्लेस नेटवर्क इफेक्ट (Marketplace Network Effect)

यहां फिर से इंडियामार्ट का उदाहरण लेते हैं, जितना बड़ा इंडियामार्ट का नेटवर्क होगा उतना ही आपका फायदा होगा, अगर वहां सिर्फ दो या चार बिजनेस होंगे तो किसी का फायदा नहीं होगा। फायदा तभी है जब वहां पांच लाख या पांच करोड़ बिजनेस लिस्ट होंगे और उनके कस्टमर भी वहां मौजूद होंगे। दोनों में से किसी में भी कमी हुई तो ये नेटवर्क टूट जायेगा। इसे मार्केट प्लेस नेटवर्क इफेक्ट कहा जाता है।

2. चैनल पार्टनर नेटवर्क इफेक्ट (Channel Partner Network Effect)

चैनल पार्टनर नेटवर्क इफेक्ट को तीन तरफा नेटवर्क इफेक्ट भी कहा जाता है, इसमें पहली तरफ होता है आपका अपना बिजनेस, दूसरी तरफ होता है आपका चैनल पार्टनर और तीसरा होता है आपका कस्टमर। ऐसे में जब आप अच्छा प्रोडक्ट कस्टमर को उपलब्ध करवाते हैं तो आपको और आपके चैनल पार्टनर दोनों को फायदा होगा। इस नेटवर्क में आपको चैनल पार्टनर की ट्रेनिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होता है, अगर वो एक बार काम करना सीख गए तो फिर इस नेटवर्क को कोई नहीं तोड़ सकता। 

3. कम्युनिकेशन नेटवर्क इफेक्ट (Communication Network Effect)

कम्युनिकेशन नेटवर्क के सबसे बड़े उदाहरण हैं फेसबुक और लिंकडिन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जहां पर एक व्यक्ति के पोस्ट डालते ही वहां बहुत से लोग अपना रिएक्शन देने लगते हैं। वो उस इन्फॉर्मेशन पर कमेंट भी करते हैं और उसे शेयर भी करते हैं जिससे वो तेजी से फैलने लगता है। ये नेटवर्क उनके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है जिनका बिजनेस कॉन्टेंट से जुड़ा हुआ है जैसे न्यूज पोर्टल। 

4. कॉन्टेंट नेटवर्क इफेक्ट (Content Network Effect)

कंटेंट नेटवर्क उनसे जुड़े होते हैं जो असल में कॉन्टेंट क्रिएट कर रहे होते हैं,मतलब वो लोग जो न्यूज, इन्फॉर्मेशन या फिर किसी भी तरह का कॉन्टेंट बना रहे होते हैं। इस नेटवर्क में कंज्यूमर कम और क्रिएटर्स ज्यादा होते हैं। सोशल मीडिया के दौर में इस तरह के नेटवर्क बनाना बहुत ही आसान है,लेकिन ये नेटवर्क बनाने के लिए आपको काफी लंबा समय और पैसा खर्च करना पड़ता है। 

5. लोकल नेटवर्क इफेक्ट (Local Network Effect)

ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो लोकल बिजनेस करते हैं, जैसे कोई किसान खुद ही फल सब्जियां उगाता है और फिर उन्हें मार्केट में ले जाकर बेचता है। उस मार्केट को लोकल नेटवर्क कहा जाता है, ये बहुत तेजी से आगे नहीं बढ़ता है लेकिन अगर आपने यहां अपनी पकड़ बना ली तो फिर आपके बिजनेस के लिए ये फायदेमंद साबित होता है। लेकिन यहां हमेशा आपको अच्छा प्रोडक्ट ही बेचना चाहिए नहीं तो मार्केट में साख खराब होते हुए टाइम नहीं लगता। 

इन पांच नेटवर्क इफेक्ट में आप अपना नेटवर्क अपने बिजनेस के हिसाब से चुन सकते हैं और नए लोगों से जुड़कर अपना बिजनेस आगे बढ़ा सकते हैं। 

Related posts

क्या होता है बिजनेस में रही “गलतियों” और “फ्रॉड” के बीच का अंतर ?

Sandhya Yaduvanshi

ब्रांड बिल्डिंग में क्यों जरूरी है एक अच्छी कहानी? 

Sandhya Yaduvanshi

“ऑपरेशनल ऑडिट” से जानिए क्या है आपके कंपनी के अंदरूनी हालात?

Leave a Comment