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जानिए कहीं आपकी कंपनी में कोई सैलरी फ्रॉड तो नहीं हो रहा ?

अपने बिजनेस को सफल बनाने के लिए आपको एक अच्छी टीम की जरूरत होती है, जिसके बाद आपकी जिम्मेदारी होती है कि आप अपने एम्प्लॉयज की सभी जरूरतों का अच्छी तरह से ध्यान रखें। अपने एम्प्लॉयज का ख्याल आप उनके उनकी क्षमता के हिसाब से अच्छी सैलरी देकर रख सकते हैं। 

सैलरी के साथ और भी कई सारी सुविधाएं दी जाती है जैसे हाउस रेंट अलाउंस, प्रॉमिनेंट फंड, इंश्योरेंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस। इस पूरे सिस्टम हो पे रोल (Payroll) कहा जाता है। पे रोल सिस्टम आपके बिजनेस के सबसे जरूरी खर्चों में शामिल होता है साथ ही इस खर्च का कंपनी पर एक बड़ा प्रभाव भी पड़ता है, इसीलिए कंपनीज में पे रोल ऑडिट करवाया जाता है, ये क्यों जरूरी है चलिए जानते हैं। 

क्या है पे रोल ऑडिट (Payroll Audit)?

पे रोल ऑडिट को आपकी कंपनी में हो रहे सभी पे रोल खर्चों को जांचने के लिए किया जाता है। ये ऑडिट आपके पे रोल में हो रही गलतियों और फ्रॉड को ढूंढने का काम करता है ताकि सही समय पर गलती पकड़ कर उसे ठीक किया जा सके। 

पे रोल ऑडिट करवाने से क्या फायदा होता है ? 

ऐसा हो सकता है कि आपकी कंपनी के अकाउंटेंट ने कुछ फेक एम्प्लॉय अकाउंट बना रखें हो जो आपको पता ना चल रहे हो क्योंकि आप हर महीने हजारों एंप्लॉयज को सैलरी देते हैं। लेकिन पे रोल ऑडिट कंपनी में मौजूद ये फेक एम्प्लॉय अकाउंट्स को बड़ी आसानी से पकड़ लिए जाते हैं। 

अगर कंपनी के पे रोल सिस्टम में कुछ गलत डेटा अनजाने में या जानबूझकर लिखा गया है तो पे रोल ऑडिट में गलतियां सामने आ जाती है, साथ ही वो इंसान भी सामने आ जाता है जिसने उन गलतियों को किया होता है।

पे रोल ऑडिट करने पर आपको इस बात का भी पता चल जाता है कि आपको अपने एंप्लॉयज की सैलरी को आगे कितना बढ़ाना चाहिए, उन्हें कितना बोनस देना चाहिए। 

कई बार ऐसा होता है कि कुछ एंप्लॉयज आपकी कंपनी को छोड़कर जा चुके होते हैं लेकिन उनके सैलरी अकाउंट्स को बंद नहीं किया गया होता है, लेकिन पे रोल ऑडिट में ऐसे सभी अकाउंट्स सामने आ जाते हैं जिससे उन अकाउंट्स को  समय रहते बंद किया जा सकता है। 

पे रोल ऑडिट आपको ये बात भी बता देता है कि आपको अपने एंप्लॉयज की सैलरी से कितना टीडीएस (TDS) काटना है और कब उसे सरकार को जमा करवाना है। इसके अलावा ये ऑडिट एंप्लॉयज द्वारा ली गईं छुट्टियों का भी हिसाब किताब रखता है। 

पे रोल ऑडिट को कैसे किया जाता है ?

पे रोल ऑडिट करते समय ऑडिटर सबसे पहले इस बात को देखता है कि आपकी कंपनी में कितने एक्टिव एंप्लॉयज हैं और कितने टर्मिनेट हो चुके हैं। अगर इस डेटा में कोई कमी निकलती है तो वो उसके बारे में कंपनी को जानकारी देता है। 

ऑडिटर इस बात को भी चेक करता है कि कंपनी के एंप्लॉयज को उनकी पोस्ट और पैकेज के हिसाब से हर महीने सैलरी मिल रही है या नहीं।

पे रोल ऑडिट के समय सबसे ज्यादा मुश्किल काम ये पता करना होता है कि एंप्लॉयज ने कितने दिन काम किया है और कितने दिन छुट्टी ली है, अगर छुट्टी ली है तो उनकी सैलरी को काटा गया है या नहीं। 

ऑडिटर ये भी चेक करता है कि क्या असल में कंपनी के अंदर उतने ही एम्प्लॉय काम कर रहे हैं या नहीं जितने कि पेपर्स में दिखाए गए हैं। साथ ही कंपनी एम्प्लॉय की सैलरी से कट रहे टीडीएस पर भी ऑडिटर की खास नजर रहती है क्योंकि इससे इस बात का पता चलता है कि कंपनी सही तरह से सरकारी नियमों का पालन कर रही है या नहीं।

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