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“प्रोडक्शन कॉस्ट बजट” बनाकर बिजनेस को दीजिए रफ्तार। 

आपकी कंपनी जिस भी चीज का प्रोडक्शन करती हैं उस प्रोडक्ट की मार्केट में कीमत क्या होगी, ये तय करने के लिए आपको पहले अपने प्रोडक्ट और कंपनी के “प्रोडक्शन कॉस्ट बजट” (Production Cost Budget) को जानने की जरूरत होती है। लेकिन ये किस तरह से काम करता है इसका क्या और कितना फायदा होता है चलिए जानते हैं। 

“प्रोडक्शन कॉस्ट बजट” क्यों बनाना चाहिए?

प्रोडक्शन कॉस्ट बजट बनाकर आप सबसे पहले तो अपने यहां होने वाली रिसोर्सेज की बरबादी को रोक सकते हैं, क्योंकि बजट बनाने से आपको साफ साफ समझ आ जाएगा कि कौन सी चीज़ की जरूरत है और कौन सी चीज़ की नहीं। 

प्रोडक्शन कॉस्ट बजट बनाने के प्रोसेस में आपको अच्छे से समझने का मौका मिल जाता है कि आपके प्रोडक्ट के लिए आपको कितना बजट और कितनी मैनपावर की जरूरत पड़ेगी। इससे आप सभी चीजों को अच्छी तरह से मैनेज कर पाते हैं। 

कितने तरह की होती हैं प्रोडक्शन कॉस्ट?

मैटीरियल कॉस्ट (Material Cost)-

प्रोडक्शन प्लान बनाते हुए सबसे पहले प्रोडक्ट के मैटीरियल के बारे में सोचना चाहिए। जैसे कच्चे माल की क्वालिटी कैसी होगी, उसे कितनी मात्रा में खरीदना है। प्रोडक्ट बनाने में कितना मैटीरियल बर्बाद हो सकता है, मैटीरियल खरीदने में कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद ये हिसाब भी लगाना होगा कि एक प्रोडक्ट बनाने में कितने मैटीरियल की जरूरत पड़ेगी और उसकी क्या कीमत आयेगी। 

लेबर कॉस्ट (Labour Cost)-

कोई भी प्रोडक्ट बनाने के लिए मैनपावर की भी जरूरत पड़ती है, जो प्रोडक्शन कॉस्ट का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। इसीलिए इस बात का पूरा हिसाब पहले ही लगाना होता कि कितने प्रोडक्ट बनाने के लिए कितने समय की जरूरत पड़ेगी। जिसके बाद उसी के हिसाब से लेबर को प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए हायर किया जाता है।

मैन्युफैक्चरिंग ओवरहेड्स (Manufacturing Overheads)-

प्रोडक्ट बनाने के लिए सिर्फ मैटीरियल और लेबर के अलावा और भी कई तरह के खर्चे करने पड़ते हैं। जैसे फैक्ट्री का किराया, इलेक्ट्रिसिटी बिल, मशीनरी का खर्चे के अलावा और भी बहुत से खर्चे होते हैं। इनकी कॉस्ट भी प्रोडक्ट की कीमत में जोड़ दी जाती है। 

इन सभी खर्चों को ध्यान में रखते हुए कंपनी अपने प्रोडक्ट के “प्रोडक्शन कॉस्ट बजट” को तैयार करती है। लेकिन इस बजट को तैयार करते हुए कुछ और भी खास बातें ध्यान में रखनी चाहिए। 

1.बजट को बनाते समय किसी भी खर्चे को कम नहीं समझना चाहिए, किसी भी छोटे मोटे खर्चे को देखकर ये नहीं सोचना चाहिए कि इसे बाद में मैनेज कर लिया जाएगा। इससे आपको काफी दिक्कत हो सकती है, इसीलिए आपको पहले ही छोटे से छोटे और बड़े से बड़े खर्चे का सही अनुमान लगाकर उसे बजट में शामिल करना चाहिए। 

2.बजट बनाते समय हर उस बात का ध्यान रखना चाहिए जो भविष्य में आपके प्रोडक्शन कॉस्ट को प्रभावित कर सकता है, कोशिश करनी चाहिए कि आने वाली समस्या को पहले ही भांप लिया जाए। 

3.प्रोडक्शन से पहले अपने बिजनेस और मशीनरी की कैपेसिटी को जरूर जांच लेना चाहिए, क्योंकि अगर आपकी मशीनरी में प्रोडक्शन के दौरान कोई कमी आई तो आपकी प्रोडक्शन कॉस्ट पर अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा। जिससे आपका पूरा बजट तो प्रभावित होगा ही साथ ही आपके मुनाफे पर भी असर पड़ेगा। 

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