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कंपनी का “कैश बजट” बनाने से क्या फायदे होते हैं?

बिजनेस को बैलेंस तरीके से करने के लिए एक बजट बनाया जाता है, बजट के कई प्रकार होते हैं जिनमें से एक है फाइनेंशियल बजट। फाइनेंशियल बजट को दो अलग अलग बजट में बांटा जाता है, पहला है “कैश बजट” और दूसरा है “कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट”। तो जान लेते हैं कि कैश बजट क्या है। 

कैश बजट (Cash Budget) 

कैश बजट के जरिए कंपनी के कैश फ्लो का अनुमान लगाया जाता है, यानि की उस कंपनी के बिजनेस में कब कितना पैसा कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है इस बात का पूरा लेखा जोखा इस बजट में शामिल रहता है। कैश बजट के भी दो हिस्से होते हैं। 

कैश इनफ्लो –  इसमें आपके सभी तरह के इनकमिंग कैश को रखा जाता है, जैसे सेल्स से आने वाला पैसा, लोन से आने वाला पैसा, हो सकता है आपने कोई असेट बेचा हो उसका पैसा आपके पास आया हो, आपका उधार दिया हुआ पैसा लौट आया हो या फिर आपकी कोई एफडी मैच्योर हो गई हो। इस पैसे का बजट बनाकर आपको ये अंदाजा लग जाता है कि भविष्य में आपको कितना पैसा मिलने वाला है।

कैश आउटफ्लो – इसमें आपके बिजनेस के सभी आउटगोइंग कैश के बारे में बजट बनाया जाता है। जैसे हो सकता है आपको पुराना कोई लोन चुकाना हो, अपने सप्लायर्स को पैसा वापस देना हो। इसके अलावा हो सकता है आप कोई फिक्स्ड असेट जैसे कोई जमीन या फिर फैक्ट्री खरीद रहे हो या फिर हो सकता है आप किसी को लोन या एडवांस के तौर पर पैसा दे रहे हो। ये सभी आपके बिजनेस में कैश आउटफ्लो के कारण हो सकते हैं। 

कैश बजट कैसे बनाया जाता है? 

कैश बजट में क्या चीज़ें शामिल होती हैं ये तो आप समझ ही गए होंगे लेकिन अब जान लेते हैं कि कैश बजट को किस तरह बनाया जा सकता है। कैश बजट बनाने के लिए आपको जो जानकारी चाहिए वो कंपनी के नॉर्मल बिजनेस ऑपरेशंस से मिलती है। कैश बजट कंपनी के ही दूसरे बजट पर निर्भर करता है। 

जैसे कंपनी के सेल्स बजट, कॉस्ट एंड प्रोडक्शन बजट, ओवरहेड बजट, सेलिंग एंड एडमिनिस्ट्रेटिव बजट, कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट और फ्यूचर फंडरेजिंग बजट के डेटा से ही कैश बजट को बनाया जाता है। जिससे कंपनी के सारे कैश इनफ्लो और आउटफ्लो को मैनेज किया जाता है। 

कैश बजट बनाने के लिए सबसे पहले कैश इनफ्लो का एस्टीमेट करना है फिर कैश आउटफ्लो का एस्टीमेट करना है। इसके बाद कैश बैलेंस का एस्टीमेट करना होता है। इस बजट को बनाने का फॉर्मूला है

ओपनिंग कैश बैलेंस + कैश इनफ्लो – कैश आउटफ्लो = क्लोजिंग कैश बैलेंस 

कैश बजट बनाने के क्या फायदे होते हैं? 

1.कैश बजट बनाने से कस्टमर्स से मिलने वाले पैसे के बारे में जानकारी हासिल होती है। 

2.इस बजट को बनाने से इस बात का भी पता चल जाता है कि कंपनी अपने कस्टमर्स को कितना उधार देने की क्षमता रखती है, और वो उधार कितने समय के लिए दे सकती है। 

3.कैश बजट बनाने से इस बात का भी पता चलता है कि कंपनी के पास फिक्स्ड असेट्स जैसे जमीन, मशीनरी और बिल्डिंग खरीदने के लिए कितना पैसा बाकी है। 

4.कंपनी अगर कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहती है या फिर बिजनेस को बढ़ाना चाहती है तो उसे लोन की जरूरत पड़ेगी या नहीं, ये भी कैश बजट बनाने से पता चल जाता है। 

5. कैश बजट बनाकर आप अपने कंपनी के खर्चों को मैनेज कर सकते हैं अगर आपको लगता है कि कहीं पर भी पैसा ज्यादा खर्च हो रहा है। 

 

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